प्रदेश के सरकारी स्कूलों में खाली पड़े शिक्षकों के पदों को भरने के लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और कर्मचारी चयन आयोग को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दे दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इस बाबत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश जारी किए थे। अब 26 जून को मामले की सुनवाई होगी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश धर्म चंद चौधरी और न्यायाधीश ज्योत्सना रेवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रदेश भर के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों को भरने को लेकर चल रही जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान ये आदेश पारित किए।
पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि लोक सेवा आयोग व कर्मचारी चयन आयोग की सिफारिशों के बाद शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। कुछ शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आचार संहिता के कारण देरी हुई है। आचार संहिता के तुरंत बाद इन शिक्षकों को भी नियुक्ति प्रदान कर दी जाएगी। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कर्मचारी आयोग हमीरपुर को आदेश दिए थे कि वह शपथपत्र के माध्यम से बताए कि कितने समय में अन्य स्वीकृत रिक्त पदों को भरने बाबत प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी।
शिक्षा सचिव ने शपथपत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि राज्य सरकार द्वारा जेबीटी के 919 पद, सीएंडवी के 1367 पद और टीजीटी के 1901 पदों को भरने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पिछली सुनवाई के दौरान शिक्षा सचिव ने शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताया था कि हिमाचल प्रदेश में शिक्षकों के 14,354 पद खाली हैं।
इनमें से प्राथमिक स्कूलों में अध्यापकों के 25,293 स्वीकृत पदों में से 1,754 पद खाली चल रहे हैं। अपर प्राइमरी में अध्यापकों के 16,185 स्वीकृत पदों में से 2,499 पद खाली हैं और सीएंडवी के 16,901 स्वीकृत पदों में से 5,277 पद खाली हैं।