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मध्य प्रदेश की जनता पर दोहरी मार, पेट्रोल 4.48 और डीजल 4.40 रुपये महंगा…….

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भारी जनादेश के साथ फिर सत्ता में आई मोदी सरकार ने बजट में गांव, गरीब और किसान को सरकारी नीतियों के केंद्र में रखा है। लेकिन, आम आदमी पर थोड़ी और महंगाई लाद दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कंपनियों के लिए टैक्स कम करने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के भी कई उपायों की घोषणा की है। दूसरी ओर, टैक्स छूट में राहत की उम्मीद लगाए बैठे मध्य वर्ग को निराश किया है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक रुपया एक्साइज ड्यूटी और एक रुपया सेस लगाने की घोषणा की है।

मप्र की जनता को इससे दोहरी मार पड़ी। केंद्र के फैसले के तुरंत बाद मप्र सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर दो-दो रुपए अतिरिक्त ड्यूटी लगा दी है। वाणिज्यिक कर विभाग ने देर रात स्पष्ट किया कि केंद्र और राज्य की ड्यूटी में वृद्धि के बाद प्रदेश में पेट्रोल के दाम में प्रति लीटर 4.56 रुपए और डीजल में 4.36 रुपए का इजाफा होगा। हालांकि विभाग ने स्पष्ट किया है कि शहरों के हिसाब से रेट अलग-अलग होंगे। भोपाल में पेट्रोल के अनुमानित दाम 73.61 रुपए से बढ़कर 78.09 रुपए, वहीं डीजल के 65.63 रुपए से बढ़कर 70.03 रुपए प्रति लीटर हो सकते हैं। राज्य सरकार का कहना है कि भारत सरकार ने केंद्रीय करों में मप्र का हिस्सा करीब 2677 करोड़ रुपए कम कर दिया है, इसी वजह से यह कदम उठाना पड़ा। राज्य सरकार को अतिरिक्त ड्यूटी लगाने से सालाना पेट्रोल-डीजल पर करीब 1400 से 1500 करोड़ रुपए अतिरिक्त मिलेंगे।

बताया जा रहा है कि राज्य सरकार अतिरिक्त ड्यूटी लगाने को लेकर देर रात तक माथापच्ची करती रही। वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग जैन, वाणिज्यिक कर विभाग के प्रमुख सचिव मनु श्रीवास्तव समेत संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री व वित्तमंत्री से भी बात की गई। अंतत: देर रात फैसला लेना पड़ा। वाणिज्यिक कर विभाग के सूत्रोंं का कहना है कि पिछली मर्तबा केंद्र सरकार ने पेट्रोल की कीमतें घटाई थीं, तब मप्र ने भी इसे कम किया था।

 

  • पेट्रोल 78.09 रुपए प्रति लीटर
  • डीजल 70.03 रुपए प्रति लीटर

(भोपाल में शुक्रवार को पेट्रोल के दाम 73.61 रुपए और डीजल के 65.63 रुपए प्रति लीटर थे)

प्रदेश में तेल पर टैक्स

पेट्रोल : 28 फीसदी वैट, एक प्रतिशत सेस के साथ डेढ़ रुपए अतिरिक्त कर लगता था जो बढ़तकर 3.50 रु. कर दिया।

डीजल : 18 फीसदी वैट और एक प्रतिशत सेस। राज्य सरकार के फैसले के बाद अब दो रुपए अतिरिक्त ड्यूटी।

सोना-चांदी: कस्टम ड्यूटी 10% से बढ़ाकर 12.5% की, उत्पाद महंगे होंगे

मोदी सरकार ने सोने पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा दी है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक गाड़ियों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए ऑटो लोन पर टैक्स छूट का लाभ दिया गया है। बजट में अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूलने का इंतजाम भी किया गया है। सरकार ने ठेकेदारों या पेशेवरों को एक साल में 50 लाख रुपए सालाना से अधिक का भुगतान करने वाले व्यक्ति के लिए 5% की दर से टीडीएस अनिवार्य कर दिया है।

इसके तहत टीडीएस की राशि को व्यक्ति अपने स्थायी खाता संख्या (पैन) के माध्यम से सरकारी खजाने में जमा करा सकेगा। चालू खाते में एक करोड़ रुपए से अधिक जमा करने, एक लाख रुपए से अधिक बिजली बिल का भुगतान करने और एक साल में विदेश यात्रा पर दो लाख रुपए खर्च करने वालों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य करने का प्रस्ताव लाया गया है।

पहली बारिश की खुशी : ये पहली बार पूर्णकालीन महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। ब्रीफकेस में डॉक्युमेंट्स लाने की परंपरा को तोड़ते हुए लाल फोल्डर का इस्तेमाल किया।

बजट नहीं, बही खाता : आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यम ने कहा कि यह पश्चिमी मानसिकता की गुलामी से बाहर आने का प्रतीक है। यह बजट नहीं, बही खाता है।

भाषण में फंड नहीं : यह पहली बार है कि वित्तमंत्री ने बजट भाषण में यह नहीं बताया है कि किस मंत्रालय के तहत कितना खर्च होगा। बाद में आंकड़े जारी किए गए।

नारी तू नारायणी… निर्मला ने ‘नारी तू नारायणी’ नारा देते हुए महिलाओं की आर्थिक मजबूती की योजनाएं पेश कीं। जनधन खाते में 5 हजार ओवरड्राफ्ट की घोषणा की।

फ्रेंच शब्द से निकला है ‘बजट’ : बजट शब्द फ्रेंच शब्द बूगेट से निकला है। इसका अर्थ है- चमड़े का थैला। बजट ब्रीफकेस का प्रचलन ब्रिटेन में शुरू हुआ था।

1947 से ही चमड़े के बैग इस्तेमाल होते रहे हैं : देश के पहले वित्तमंत्री आरके षणमुखम चेट्‌टी चमड़े के ब्रीफकेस में डॉक्युमेंट्स लाए थे। तब से यही परंपरा जारी थी।

केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रु. का अतिरिक्त टैक्स लगाया गया। सोने और बेशकीमती रत्नों पर 10% कस्टम ड्यूटी थी। इसे बढ़ाकर अब 12.5% किया गया है। इसमें सभी महंगी धातुएं शामिल हैं। आयातित सामान पर ड्यूटी लगाकर सरकार घरेलू उद्योगों को मजबूत करना चाहती है।  यानी पेट्रोल, डीजल, सोना, चांदी, महंगी धातु, काजू, किताबें, ऑटो पार्ट्स, सिंथेटिक रबर, पीवीसी, टाइल्स, तंबाकू, ऑप्टिकल फाइबर, स्टेनलेस स्टील प्रोडक्ट, एसी, लाउडस्पीकर, वीडियो रिकॉर्डर, सीसीटीवी कैमरा, गाड़ियों के हॉर्न आदि अब महंगे हो जाएंगे।

सस्ते… बर्तन, पंखे, ब्रीफकेस : साबुन, शैंपू, हेयरऑयल, टूथपेस्ट, पंखे, लैंप, ब्रीफकेस, यात्री बैग, सेनिटरी वेयर, बोतल, कंटेनर, बर्तन, गद्दा, िबस्तर, चश्मोंं के फ्रेम, बांस का फर्नीचर, पास्ता, धूपबत्ती, नमकीन, सूखा नारियल, सैनिटरी नैपकिन आिद सस्ते होंगे।

अखबारी कागज पर 10% कस्टम ड्यूटी, पाठकों पर बोझ बढ़ेगा : 2010 के बाद अखबारी कागज पर ड्यूटी नहीं थी सरकार ने अखबारी कागज पर 10% कस्टम ड्यूटी लगा दी है, जिससे न्यूज पेपर इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित होगी। क्योंकि, इस इंडस्ट्री में 50% से अधिक का खर्च सिर्फ अखबारी कागज पर होता है। पाठक को जिस कीमत पर अखबार मिलता है, उससे करीब दो गुना की वास्तविक लागत उस अखबार की होती है।

देश में हर साल लगभग 25 लाख टन अखबारी कागज की खपत है, जबकि उत्पादन करीब 11 लाख टन का होता है। ऐसे में उत्पादन के सामने खपत की मात्रा अधिक होने के कारण अखबारी कागज का आयात मजबूरी है। 2009 तक अखबारी कागज पर 2% ड्यूटी लगती थी, जो 2010 में खत्म कर दी गई थी। अब 10% ड्यूटी लगाने के सरकार के इस कदम से पाठकों पर और अखबारी जगत पर बोझ बढ़ेगा।

रेल बजट: 50 लाख करोड़ रु. की जरूरत, प्राइवेट ट्रेन चलेंगी

  • रेलवे में 2030 तक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत है। तेजी से विकास और यात्री माल ढुलाई सेवाओं के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • रेलवे में निजी भागीदारी के साथ सरकार देश में पहली बार प्राइवेट ट्रेनों का संचालन शुरू करने जा रही है। इसके तहत दो ट्रेनें संचालन के लिए आईआरसीटीसी को दी जाएंगी।

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