भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के बिजली प्रोजेक्ट मामले में हरियाणा और पंजाब से प्रस्ताव आने के बाद हिमाचल अपना फार्मूला बताएगा। दोनों राज्यों से करोड़ों रुपये का बकाया लेने के लिए वीरवार को हुई कैबिनेट बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। फैसला लिया गया कि पहले दोनों राज्यों के प्रस्तावों पर मंथन किया जाएगा। इसके बाद हिमाचल अपनी स्थिति स्पष्ट करेगा।
बीते साल जनवरी में जयराम सरकार ने पंजाब और हरियाणा के हिस्से की बिजली बेचकर 3266 करोड़ रुपये वसूलने का प्रस्ताव कैबिनेट में पारित किया था। इस फैसले के तहत दस साल के भीतर हिमाचल ने बिजली बेच एरियर वसूलने की योजना बनाई थी, लेकिन पंजाब-हरियाणा ने हिमाचल सरकार के इस प्रस्ताव में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके चलते दोबारा से हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई।
इस मामले को हल करने के लिए बीते दिनों अटार्नी जनरल की अध्यक्षता में गठित कमेटी की बैठक दिल्ली में हुई। प्रदेश के प्रधान सचिव ऊर्जा प्रबोध सक्सेना बैठक में शामिल हुए थे। हिमाचल ने 7.19 फीसदी हिस्सेदारी के साथ बीबीएमबी से बकाया एरियर का पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट देने से पहले कमेटी की दोबारा से बैठक होनी है।