बिलासपुर के कंदरौर पुल से हमीरपुर के बीच करीब 45 किलोमीटर के नेशनल हाइवे के चौड़ीकरण के लिए केंद्र सरकार से जारी 280 करोड़ रुपये मिट्टी हो गए हैं। इस राशि से कागजों पर सड़क पर पुलों का निर्माण और सड़क के चौड़ा करने का काम किया गया, लेकिन हकीकत में हालात खराब है।
लोगों की शिकायत और प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के अधीन गठित क्वालिटी कंट्रोल सेल ने इस निर्माण में हुई कथित धांधली की जांच शुरू कर दी है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की एक टीम पूरे पैच की जांच कर निर्माण की स्थिति और गुणवत्ता की जांच करेगी। इसके बाद सेल के प्रभारी व प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय कुंडू मामले में खेल करने वाले अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर फैसला लेंगे। मुख्यमंत्री से मंजूरी के बाद गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई होगी।
प्रधान सचिव संजय कुंडू ने बताया कि प्रदेश में काम की गुणवत्ता से किसी कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद लगातार इस मुद्दे पर सख्त निर्देश देते रहे हैं। इसलिए प्रयास यह है कि गुणवत्ता खराब करने वालों पर कार्रवाई कर इसमें सुधार लाया जाए।वहीं, पद ग्रहण करने के बाद कुंडू ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनके काम को देखते हुए ही यह जिम्मेदारी दी है। कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को अधिकारी जमीन पर पहुंचाते हैं वैसे ही कोशिश यह रहेगी कि मुख्यमंत्री के विजन को जमीन तक पहुंचाया जाए। साथ ही वह अपने और अन्य मंत्रियों के महकमों की नियमित अंतराल पर समीक्षा करे और उससे विभागों के काम में गुणात्मक सुधार हो।
कुंडू ने बताया कि प्रदेश में गुणवत्ता वाले ठेकेदारों की बेहद कमी है। साथ ही जो हैं उनकी क्षमता भी बेहद कम है इसलिए बड़े ठेकों के लिए प्रदेश सरकार को बाहर की फर्मों का रुख करना पड़ता है। कहा कि सरकार विचार कर रही है कि युवा इंजीनियरों को सस्ता लोन दिया जाए, ताकि वह ठेकेदारी के काम में आगे आए और प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण काम स्थानीय युवाओं को मिल सके। साथ ही प्रदेश के ठेकेदारों की क्षमता को भी बढ़ाने के लिए प्रस्ताव बनाया गया है।