कर्जदारों से परेशान होकर मोबाइल व्यापारी ने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रच दी। ये कहानी उसने क्राइम पेट्रोल देखकर तैयार की। एएसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने बताया 11 अक्टूबर को भारती चौधरी निवासी न्यू हरसिद्धि नगर खजराना ने रिपोर्ट की थी कि पति मनोज (30) पिता कुंवर पाल सिंह 10 अक्टूबर की दोपहर 1 बजे से लापता है। वह किराने का सामान लाने का बोलकर निकला था। इसके बाद पुलिस को भारती ने 13 अक्टूबर को बताया कि गाजियाबाद में रहने वाली मनोज की भाभी रीना चौधरी के मोबाइल पर मनोज के वाट्सएप से मैसेज और फोटो आए हैं। फोटो में मनोज के हाथ-मुंह बंधे हैं।
इसके बाद पुलिस ने भारती की मनोज से बात करवाई तो वह कहने लगा मेरा अपहरण हो गया है। अपहरण करने वाले बदमाश 4 लाख रुपए मांग रहे हैं। तुम अपने भाई से बोलकर उनके बताए अकाउंट में पैसा जमा करवा दो। नहीं तो मुझे मार देंगे।
सीएसपी खजराना एसकेएस तोमर व टीआई प्रीतम सिंह ठाकुर ने मनोज के मोबाइल की जानकारी जुटाकर पड़ताल की। पता चला कि मनोज ने दिल्ली, मथुरा व जयपुर के एटीएम से रुपए निकाले हैं। तकनीकी जांच में पुलिस को अपहरण जैसा मामला नहीं लगा। पत्नी से लगातार संपर्क करवाकर पुलिस जयपुर में एक होटल तक पहुंची, जहां मनोज छिपा हुआ था।
तकनीकी जांच के आधार पर पुलिस ने मनोज को जयपुर से ढूंढ निकाला। उसने कबूला कि उस पर डेढ़ लाख से ज्यादा कर्ज हो गया था और कर्जदार परेशान करने लगे थे। इसलिए उसने ये पूरी कहानी गढ़ी। खुद के अपहरण को दिखाने के लिए होटल के कमरे में मोबाइल कैमरे के टाइमर को सेट कर खुद के बंधक बने हुए फोटो खींचे और भाभी को वाट्सएप किए।