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अब अटल टनल होगा रोहतांग सुरंग का नाम, मोदी मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी…

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पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती से एक दिन पूर्व मंगलवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रोहतांग सुरंग का नामकरण ‘अटल टनल’ करने को मंजूरी दे दी है। लाहौल को मनाली से जोड़ने वाली 8.8 किलोमीटर इस सुरंग का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। मई 2020 में इसका उद्घाटन प्रस्तावित है। रोहतांग टनल बनने से मनाली और केलांग के बीच की दूरी करीब 45 किलोमीटर कम हो जाएगी।

भविष्य में यह टनल लेह लद्दाख में तैनात भारतीय सेना के लिए भी लाइफ लाइन साबित होगी। पीर पंजाल की पहाड़ियों को भेदकर बनाई जा रही इस सुरंग के नीचे से एक और टनल का निर्माण हो रहा है, जिसे आपात स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बीआरओ की देखरेख में ऑस्ट्रिया और भारत की जाइंट वेंचर स्ट्रॉबेग-एफकॉन कंपनी इसका निर्माण कर रही है। टनल बनने से बर्फबारी के कारण साल के 6 महीने तक दुनिया से कट जाने वाला जनजातीय इलाका साल भर दुनिया की हलचल से जुड़ा रह पाएगा। रोहतांग टनल के मुख्य अभियंता ब्रिगेडियर केपी पुषोतमन का दावा है सितंबर 2020 तक रोहतांग टनल नियमित ट्रैफिक के लिए खुल जाएगा। उल्लेखनीय है कि समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर बन रही यह दुनिया की सबसे लंबी ट्रैफिक टनल मानी जा रही है।

इसके निर्माण पर लगभग चार हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। शुरुआती दौर में टनल की निर्माण लागत लगभग 1400 करोड़ रुपये आंकी गई। साल 2014 टनल को तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। टनल के ठीक ऊपर बहने वाले सेरी नाला का पानी रिसने से रोहतांग टनल का निर्माण करीब पांच साल आगे खिसक गया, जिससे टनल की निर्माण लागत 4 हजार करोड़ तक पहुंच गई है। 3 जून 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने केलांग में एक जनसभा में रोहतांग टनल निर्माण की घोषणा की थी। जून 2004 में वाजपेयी ने रोहतांग टनल के नार्थ पोर्टल को मनाली-लेह हाईवे से जोड़ने वाली पलचान-धुन्दी सड़क का शिलान्यास कर टनल निर्माण की राह खोली। हालांकि, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दौर से रोहतांग टनल निर्माण की परिकल्पना शुरू हुई थी। जून 2010 में सोनिया गांधी ने रोहतांग टनल का विधिवत शिलान्यास कर निर्माण कार्य शुरू किया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल सरकार की मांग मानने पर केंद्र का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि इस सुरंग के कारण लाहौल स्पीति जिला के लिए वर्ष भर यातायात की सुविधा उपलब्ध होगी और इस खूबसूरत जिले की ओर पर्यटक भी आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से भी यह सुरंग महत्वपूर्ण साबित होगी।

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