महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे ने सरकार बनने के बाद सोमवार को पहली बार अपने कैबिनेट का विस्तार किया. इस कैबिनेट विस्तार में एनसीपी के नेता अजीत पवार को जहां राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाया गया वहीं शिवसेना के आदित्य ठाकरे को भी मंत्री पद दिया गया है. उद्धव ठाकरे ने कैबिनेट विस्तार के बाद राज्य के विकास के लिए साथ मिलकर काम करने की बात कही. लेकिन कैबिनेट विस्तार को अभी कुछ ही घंटे बीते थे कि इसे लेकर कांग्रेसी विधायकों में असंतोष दिखने लगा. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस कैबिनेट विस्तार से कांग्रेस के कई विधायक खुश नहीं है. उनका मानना है कि कैबिनेट विस्तार को लेकर कांग्रेस हाईकमान को गुमराह किया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार असंतुष्ट कांग्रेसी विधायकों ने इसे लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की है और अपनी बात रखी है. विधायकों ने खड़गे से हुई मुलाका के दौरान इस पूरे विस्तार में वफादार विधायकों की अनदेखी किए जाने का आरोप लगाया है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नाराज विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण भी शामिल हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का सोमवार को विस्तार किया गया और एनसीपी नेता अजित पवार ने उद्धव ठाकरे नीत सरकार में उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. पिछले डेढ़ महीने में दूसरी बार पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इससे पहले उन्होंने एनसीपी से बगावत करते हुए बीजेपी से हाथ मिला लिया था और 23 नवंबर को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली थी. हालांकि 26 नवंबर को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा क्योंकि देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली सरकार तीन दिन में ही गिर गई.
पवार के अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने भी सोमवार को कैबिनेट मंत्री की शपथ ली. एनसीपी नेता और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप वाल्से पाटिल, विधान परिषद में विपक्ष के पूर्व वेता धनंजय मुंडे और विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता विजय वडेट्टीवार ने भी शपथ ली. राज्यपाल बी एस कोश्यारी ने नए मंत्रियों को विधान भवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और रांकापा नेता शरद पवार मौजूद थे. एनसीपी नेता दिलीप वाल्से पाटिल, धनंजय मुंडे और कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कैबिनेट मंत्रियों के रूप में शपथ ली. इसके अलावा सबकी नजरें उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे पर थी जिन्होंने मंत्री पद की शपथ ली.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था. लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था. शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई. इसके बाद बड़े नाटकीय घटनाक्रम के बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली.