बिजली बोर्ड की ऑनलाइन बिल ऐप और वेबसाइट पर लोग भरोसा नहीं कर रहे। बोर्ड के 24 लाख उपभोक्ताओं में से महज 2 लाख 86 हजार उपभोक्ता ही ऑनलाइन बिल जमा कर रहे हैं। प्रचार की कमी और तकनीकी खामियों के चलते लाखों उपभोक्ता अभी भी लाइनों में खड़े होकर बिल जमा करते हैं। हैरत इस बात की है कि लॉचिंग के बाद ऐप से बोर्ड के दावे के मुताबिक तीन लाख उपभोक्ता जुड़ गए थे।
लेकिन अभी भी काउंटरों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं। ऐप के जरिये बिल जमा करने पर उपभोक्ताओं को हर बिल पर दस रुपये तक की छूट दी जा रही है। बावजूद लोग ऐप का इस्तेमाल नहीं कर रहे। बोर्ड ने ऐप को अपग्रेड कर दो से ज्यादा बिल जमा करने और पुराने बिलों की हिस्ट्री देखने की सुविधा भी दे रखी है। लेकिन इसमें आए दिन खराबी के चलते लोगों ने इसका इस्तेमाल बहुत कम कर दिया है।
बोर्ड के सर्वे के अनुसार ऐप की लॉचिंग के बाद करीब तीन लाख के करीब उपभोक्ता इसका इस्तेमाल कर रहे थे। अब इनकी संख्या काफी घट गई है। बिजली बोर्ड की ऑनलाइन बिलिंग को लेकर हेल्प लाइन काल सेंटर में करीब 100 शिकायतें रोज आ रही हैं। तकनीकी खराबी के चलते उपभोक्ताओं को बिल की हिस्ट्री भी नहीं मिल रही। इससे लोगों को डर रहता है कि बिल जमा हुआ या नहीं। ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकतर उपभोक्ता काउंटरों पर ही बिल जमा करना सही समझते हैं। बिजली बोर्ड के प्रबंध निदेशक जेपी काल्टा ने कहा कि बिजली बिल ऐप और ऑनलाइन वेबसाइट को एडवांस बनाने के लिए बोर्ड काम कर रहा है। प्रदेश के लोगों को कतार में खड़ा न होना पड़े इसके लिए ही ऑनलाइन वेबसाइट और ऐप का निर्माण किया है।