Home पर्यटन पर्यटकों को लुभाता है गुजरात का सापुतारा …

पर्यटकों को लुभाता है गुजरात का सापुतारा …

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सापूतारा गुजरात के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यह डांग के जंगली इलाके में महाराष्ट्र और गुजरात की सीमा पर स्थित है। यह चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। झरनें, तालाब तथा पहाडियां सापूतारा को आकर्षक रूप प्रदान करते हैं। यह विभिन्‍न जनजातियों का निवास स्‍थल भी है। समुद्र तल से 50 फीट की ऊंचाई पर बसा सापूतारा स्‍वर्ग का नज़ारा पेश करता है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता, सूर्योदय और सूर्यास्त तथा सुन्दरता से सराबोर गार्डन एवं संग्रहालय पर्यटको के लिए कुछ ख़ास आकर्षण के केन्द्र हैं।

सापुतारा हिल स्टेशन के रूप में विकसित
सापुतारा को एक नियोजित हिल स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है. जहां पर्यटन विभाग का चौबीसो घंटे चलने वाला सूचना केंद्र है. इसके अलावा गुजरात पर्यटन विभाग का गेस्ट हाउस, गार्डन, स्वीमिंग पूल, बोल क्लब, ऑडिटोरियम, रोप वे और संग्रहालय भी है. यहां का तापमान गर्मियों में अधिकतम 32 डिग्री सेल्सियस से न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस होता है जबकि सर्दियों के दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 16 डिग्री सेल्सियस और 10 डिग्री सेल्सियस होता है. मॉनसून (जुलाई से सितंबर) में यहां सालाना 255 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की जाती है. यही कारण है कि हर साल सापुतारा मॉनसून उत्सव का आयोजन किया जाता है.

सापुतारा गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन
सापुतारा गुजरात का इकलौता हिल स्टेशन है, जो समुद्र से 3,000 फीट की ऊंचाई पर है. गुजरात और उसके आसपास के इलाकों में यह हिल स्टेशन काफी लोकप्रिय है. यह पश्चिमी घाट के डांग जंगल क्षेत्र में एक सपाट इलाके में है, जो सहयाद्री पर्वत श्रंखला का भाग है. माना जाता है कि यह सांपों के निवास स्थान के ऊपर स्थित है. स्थानीय समुदाय होली के दिन यहां सर्पगंगा नदी के किनारे सांपों की तस्वीरों की पूजा करती है.

पर्यटकों का महत्वपूर्ण गंतव्य बन चुका है सापुतारा
देवान ने कहा कि टीसीजीएल द्वारा हर साल पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, ताकि सापुतारा को एक हिल स्टेशन के रूप में बढ़ावा मिले और पर्यटकों को इस बारे में जानकारी मिले कि यहां कई सारे प्राकृतिक और सांस्कृतिक आर्कषण हैं. मॉनसून उत्सव के कारण सापुतारा अब नागपुर, पुणे, मुंबई और नासिक जैसे नजदीकी शहरों के पर्यटकों का महत्वपूर्ण गंतव्य बन चुका है.” स्थानीय डांग लोक जनजाति को देश-विदेश के लोगों से मिलने का मौका मिलता है तथा उनके लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं. इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, जिसमें पर्यटकों को स्थायीन जनजाति के जीवनशैली की जानकारी मिलती है.

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने सापुतारा में पर्यटन विकास के लिए सापुतारा क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया है, जो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 419.1 हेक्टेयर क्षेत्र में नियोजित विकास की योजनाएं बना रही है.

संक्षिप्त विवरण
  • सापूतारा गुजरात के डांग ज़िले का एक प्रसिद्ध हिल रिजॉर्ट है। कुदरत के अदभुत नजारों से समृद्ध सापूतारा पर्यटकों का पसंदीदा स्‍थान रहा है।
  • यहां की जलवायु पूरे साल ठंडी एवं स्फूर्तिदायक रहती है। आसपास बहते छोटे-छोटे जलप्रपात इस हिल रिजॉर्ट को आकर्षक रूप प्रदान करते हैं।
  • समुद्र तल से 1000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सापूतारा में पूरे साल ठंडा मौसम रहता है।
  • सापूतारा का अर्थ ‘सांपों के रहने का स्थान’ होता है। यहां सर्पगंगा नदी के किनारे सांप की एक मूर्ति देखी जा सकती है। यहां के आदिवासी ‘होली’ के मौके इस मूर्ति की पूजा करते हैं।
  • माना जाता है कि भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के 11 वर्ष सापूतारा के जंगलों में व्यतीत किए थे।
  • सापूतारा में एक खूबसूरत झरना भी है। सूर्योदय व सूर्यास्त के अनुपम नज़ारे यहां से देखे जा सकते हैं।
  • मानसून के महीनों में यहां की प्राकृतिक सुंदरता जीवंत हो उठती है। यहां की झील में बोटिंग का भी आनंद उठाया जा सकता है।
  • इस क्षेत्र में कुछ सुंदर बगीचों और संग्रहालय को भी देखा जा सकता है।
  • पुष्पक रोपवे सापूतारा का प्रमुख आकर्षण है। इस रोपवे को भारत का सबसे बड़ा रोपवे माना जाता है।
दर्शनीय स्थल

सापूतारा के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं-

  1. आदिजाति संग्रहालय
  2. वंसदा राष्ट्रीय उद्यान
  3. सूर्योदय प्वाइंट
  4. गोपीपुरा
कैसे पहुंचे 

वायु मार्ग – यहां का निकटतम हवाई अड्डा मुंबई में है, जो यहां से 250 किलोमीटर दूर है।

रेल मार्ग – पश्चिमी रेलवे का बिलीमोर वधई नेरोगेज सेक्सन यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है। गुजरात में सूरत, अहमदाबाद और मुम्बई से आने वाले लोगों के लिए यह सबसे अनुकूल रेलवे स्टेशन है, क्योंकि यहां से सीधी बस सेवा उपलब्ध रहती है।

सड़क मार्ग – राज्य परिवहन की बसें और निजी लक्जरी कोच गुजरात और महाराष्ट्र के विभिन्न केन्द्रों को जोड़ती है। यह अहमदाबाद से 409 किलोमीटर और वधई से 51 किलोमीटर की दूरी पर स्थिति है। राष्ट्रीय राजमार्ग 8 (अहमदाबाद की ओर) चिकली, वधई सापुतारा नासिक वानी पर अलग होता है।

 

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