भोपाल। शाहपुरा छावनी में सर्विस रोड किनारे स्थित करीब 100 साल पुराने एक धर्मस्थल को हटाने को लेकर नगर निगम और जिला प्रशासन के अमले को सोमवार को स्थानीय रहवासियों के विरोध का सामना करना पड़ा। चार घंटे तक गहमागहमी रही। हालांकि, जिला प्रशासन ने रहवासियों की सहमति से कार्रवाई करने की बात कही है, जबकि रहवासियों का आरोप है कि उनसे पूछे बिना ही कार्रवाई की गई।
शाम करीब साढ़े चार बजे पहुंचे नगर निगम के अमले ने चबूतरा तोड़ने की कार्रवाई की स्थानीय रहवासियों की भीड़ जुटने लगी। लोगों ने विरोध किया और कार्रवाई रुकवा दी। इस बीच धार्मिक संगठन के लोग भी पहुंच गए। निगम अमले ने इसकी सूचना आला अधिकारियों को दी और फिर वहां क्षेत्रीय एसडीएम संजय श्रीवास्तव और पुलिस बल पहुंचा। श्रीवास्तव का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए रहवासियों की सहमति पर ही धार्मिक स्थल को शिफ्ट किया गया था।
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि क्षेत्रपाल देवता के चबूतरा नगर निगम द्वारा तोड़ा गया है। कमलनाथ सरकार हिंदू समाज को कहीं ना कहीं दबाने का प्रयास कर रही है। सरकार को को सिर्फ हिंदू देवस्थान ही नजर आते हैं अन्य धार्मिक स्थलों की ओर ध्यान नहीं दिया जाता। जो मूर्ति चबूतरे से हटा दी गईू थी उसे वापस उसी स्थान पर स्थापित कर दिया गया है।