Home आर्टिकल कॉलरवाली के नाम पर है 29 बाघों की माँ का विश्व रिकार्ड….

कॉलरवाली के नाम पर है 29 बाघों की माँ का विश्व रिकार्ड….

49
0
SHARE

मध्यप्रदेश को टाइगर स्टेट का तमगा दिलाने में अति-विशिष्ट योगदान देने वाली पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन ‘कॉलरवाली’ के नाम विश्व में सर्वाधिक संख्या में प्रसव और शावकों के जन्म का कीर्तिमान है। सितम्बर-2005 में जन्मी कॉलरवाली अब तक 8 लिटर में 29 शावकों को जन्म दे चुकी है। यह एक अनूठा विश्व रिकार्ड है। यह एक साथ 5 शावकों को भी जन्म दे चुकी है। बाघों की घटती आबादी को बढ़ाने के लिये किये जा रहे प्रयासों के बीच यह मध्यप्रदेश के लिये ही नहीं बल्कि विश्व के लिये भी यह एक बड़ा योगदान है। कॉलरवाली बाघिन की अपनी माँ और भाई-बहनों के साथ बीबीसी द्वारा बनाई गई डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘Tiger : Spy in the Jungle’ भी विश्व में काफी लोकप्रिय है। बीबीसी ने कॉलरवाली की माँ टी-7 और उसके चार शावकों पर यह डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई थी। फिल्म में कॉलरवाली और अन्य शावक उछल-कूद, मस्ती, शिकार करते और बड़े होते हुए दिखाये गये हैं।

पेंच टाइगर रिजर्व की टी-7 बाघिन ने 4 शावकों को जन्म दिया था, जिनमें 2 मादा और 2 शावक नर थे। रिजर्व में पहली बार एक मादा शावक को 11 मार्च, 2008 को बेहोश कर भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून के विशेषज्ञों द्वारा रेडियो कॉलर पहनाया गया। इसके बाद से यह बाघिन कॉलरवाली के नाम से प्रसिद्ध हो गई। इसका विचरण पर्यटन क्षेत्र में होने के कारण यह पर्यटकों को सबसे ज्यादा दिखाई पड़ती है। दूसरी मादा शावक बड़ी होने पर नाला क्षेत्र के पास अधिक पाये जाने के कारण उसका नाम बाघिन नालावाली पड़ गया। यह बाघिन भी पर्यटकों को गाहे-बगाहे दिख
जाती है।

कॉलरवाली अब तक 8 बार शावकों को जन्म दे चुकी है। पहली बार उसने मात्र ढाई वर्ष की उम्र में 3 शावकों (एक नर, दो मादा) को जन्म दिया था। किशोर माँ की अनुभवहीनता, भीषण गर्मी और कमजोर होने के कारण इन शावकों की 2 माह के अंदर मृत्यु हो गई।

दूसरी बार कॉलरवाली ने 4 शावकों को जन्म दिया, जिनमें एक मादा और 3 नर शामिल थे। हाथी महावतों ने इन शावकों को पहली बार माँ के साथ 10 अक्टूबर, 2008 को देखा। इनमें से एक शावक को भारतीय वन्य जीव संस्थान, देहरादून के विशेषज्ञों ने 25 मार्च, 2010 को रिजर्व में चल रहे प्रोजेक्ट ‘ईकोलॉजी ऑफ टाइगर इन पेंच टाइगर रिजर्व” के अंतर्गत बाघों का अध्ययन करने के लिये बेहोश कर कॉलर पहनाया।

क्षेत्र संचालक पेंच टाइगर रिजर्व श्री विक्रम सिंह परिहार बताते हैं कि कॉलरवाली ने तीसरी बार 5 शावकों को जन्म दिया, जो रिजर्व के इतिहास में पहली बार हुआ। बाघिन अपने 5 शावकों के साथ पहली बार 5 अक्टूबर, 2010 को देखी गई। इन शावकों में 4 मादा और एक नर शावक थे। चारों मादा शावक अपनी माँ के साथ रहते थे, जबकि नर शावक हमेशा ही सबसे दूरी बनाकर चलता था, मानो सबकी सुरक्षा कर रहा हो।

पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघ पुन:स्थापना में भी कॉलरवाली का आधारभूत योगदान है। बाघ शून्य होने के बाद पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की पुन:स्थापना का काम जारी था। इसी के तहत पेंच टाइगर रिजर्व से एक किशोरवय बाघिन को वहाँ भेजा जाना था। इसके पहले भी पेंच से एक बाघ को जनवरी-2010 में पन्ना भेजा जा चुका था। कॉलरवाली के 5 शावकों में 4 मादा शावक थे। उनमे से एक शावक को पन्ना भेजने का निर्णय लिया गया। अक्सर कर्माझिरी के पास देखी जाने वाली मादा बाघ शावक को 21 जनवरी, 2013 को बेहोश कर रेडियो कॉलर पहनाया गया और सड़क मार्ग से विशेष रेस्क्यू वाहन द्वारा पन्ना टाइगर रिजर्व भेज दिया गया। सुरक्षित रूप से पहुँची यह बाघिन आज पन्ना में 3 बच्चों को जन्म देकर परवरिश कर रही है।

कॉलरवाली बाघिन ने 15 मई, 2012 को 3 शावकों को जन्म दिया। इनमें 2 मादा और एक नर शावक थे परंतु मादा शावक की 20 अप्रैल, 2013 को बीजामट्टा तालाब के पास अज्ञात बीमारी से मृत्यु हो गई। पाँचवीं बार कॉलरवाली बाघिन ने 16 अक्टूबर, 2013 को 3 नर शावकों को जन्म दिया। माँ द्वारा भली-भाँति पाले गये ये बाघ आज रिजर्व की शोभा बढ़ा रहे हैं और पर्यटकों को अक्सर दिखते रहते हैं।

छठवीं बार जन्मे शावकों को कॉलरवाली के साथ लगभग 15-20 दिन की उम्र में 6 अप्रैल, 2015 को देखा गया। उस समय शावकों की आँखें खुल चुकी थीं और सभी स्वस्थ अवस्था में थे। इस बार उसने 4 शावकों को जन्म दिया था। सातवीं बार वर्ष 2017 में कॉलरवाली ने 3 शावकों को जन्म दिया। अठखेलियाँ करते हुए ये शावक भी माँ के साथ पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बने रहे और इनका फोटो भी काफी लोकप्रिय हुआ।

कॉलरवाली बाघिन दिसम्बर-2018 में आठवीं बार जन्मे नवजात 4 शावकों के साथ देखी गई। पर्यटकों ने 27 जनवरी, 2019 को बाघिन द्वारा अपने बच्चों को मुँह में दबाकर सुरक्षित स्थान पर ले जाने की प्रक्रिया को भी देखा। इन शावकों में से वर्तमान में 3 शावक जीवित हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here