हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की बंजार घाटी की दुर्गम पंचायत शिल्ली के गांव गरूली के जवान लगन चंद एक साल बाद अप्रैल माह के अंत तक घर आने वाले थे। वह अपने छह माह के बेटे सक्षम से मिलने के लिए बहुत उत्सुक थे। हालांकि उनकी पत्नी जनवरी माह में ही राजस्थान से घर लौटी है। लेकिन माता-पिता को अपने बेटे के घर आने का भी खासा इंतजार था।
टायर में हवा भरते समय इसके फटने से लगन चंद शहीद हो गए। इससे पूरा परिवार सदमे में हैं। छह माह के बेटे के सिर से पिता का साया उठ गया है। माता और पत्नी बार-बार होश खो रही हैं। उन्हें गांव के लोग व रिश्तेदार सांत्वना देने के लिए पहुंच रहे हैं। 27 वर्षीय लगन चंद वर्ष 2011 में पंडोह में भर्ती हुए थे और वर्तमान में वह तोपखाना 94 मध्यम रेजीमेंट राजस्थान में सेवाएं दे रहे थे।
एक साल के लंबे अंतराल के बाद परिजनों के साथ ग्रामीणों को उनके घर आने का इंतजार था। ग्राम पंचायत शिल्ली के उपप्रधान मोहर सिंह ने बताया कि लगन की पत्नी नीरू भी पिछले एक वर्ष से पति के साथ राजस्थान में ही रह रही थी और अभी जनवरी माह में घर लौटी थी। कहा कि लगन चंद फोन पर अपने घर आने की बात करते थे। उन्हें देश में लगे लॉकडाउन के बाद लंबी छुट्टी पर घर आना था। कहा कि वह अपने छह माह के बेटे सक्षम को बार-बार याद करते रहते थे।
जवान बेटे के शहीद होने का समाचार मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ गिर गया। लगन चंद का भाई खेम राज परिवार को भी ढांढस बंधा रहा है। उधर, विधायक सुरेंद्र शौरी के साथ बंजार भाजपा के मंडल अध्यक्ष बलदेव महंत, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष मोहर सिंह राठौर, प्रधान संघ बंजार के अध्यक्ष अनुज सूद, कारदार संघ, व्यापार मंडल बंजार के प्रधान विजय ठाकुर ने गहरा शोक जताया है।