Home राष्ट्रीय हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कितनी असरदार? एम्स डायरेक्टर से जानें…

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कितनी असरदार? एम्स डायरेक्टर से जानें…

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एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि पहली चीज तो हमें ये समझना होगा कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना में इलाज के लिए कितना एक्ट‍िव ड्रग है. वैसे अभी तक इसका कोई डेटा नहीं है. लेकिन चीन और फ्रांस में हुई विभ‍िन्न स्टडी में देखा गया कि है

कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने से मरीज में वायरल लोड कम हो जाता है.कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें…
डॉ गुलेरिया कहते हैं कि लेकिन अभी इस पर अभी बहुत गुड क्वालिटी स्टडी नहीं आई है. बीते दिनों भी कई एक्सपर्ट में चर्चा हुई थी कि इसे दिया जाए या न जाए. लेकिन ये सोचा गया कि चू‍ंकि ये ड्रग काफी दिनों से दे रहे हैं

दूसरे ड्रग की तुलना में ये तुलनात्मक सेफ है. लेकिन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने में ये ध्यान रखा जाए कि जिन मरीजों को हम मॉनिटर कर रहे हैं, उन्हें ही ये ड्रग दे सकते हैं. खासकर अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों या हेल्थ केयर वर्कर्स को ये दिया जा सकता है. जो लगातार मॉनिटरिंग में रहें. जिन पर इसका असर परखा जा सके.

डॉ गुलेरिया ने कहा कि ये ड्रग आम जनता के लिए नहीं है. घर में लक्षण होने पर आप इसे भूलकर भी न खाएं. हर दवा की तरह इसके भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं. मसलन किसी को एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है तो किसी की हृदय गति असामान्य हो सकती है. फिलहाल ये ड्रग पेशेंट में यूज कर रहे हैं, वैसे इसके लिए कई ट्रायल भी हो रहे हैं. WHO भी इस ट्रायल कर रहा है. फिलहाल एडमिटेड और हेल्थ केयर वर्कर्स को ही ये ड्रग दिया जा रहा है.

बता दें कि मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बेहद कारगर दवा है. भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं. इसलिए भारतीय दवा कंपनियां बड़े स्तर पर इसका उत्पादन करती हैं. दिलचस्प बात यह है कि अमेरिका जैसे देशों में यह दवा कोरोना वायरस के मरीजों को भी ये दवा दी जा रही है.

ये दवा कोरोना के इलाज में सहायक भी साबित हो रही है. इसी वजह से इसकी मांग और बढ़ गई है. हालांकि, हाल के दिनों में भारत में इस दवा के उत्पादन में थोड़ी कमी आई है. इसका निर्यात भी बंद किया गया था लेकिन वापस शुरू कर दिया गया. हालांकि ये दवा एंटी मलेरिया ड्रग क्लोरोक्वीन से थोड़ी अलग दवा है. यह एक टेबलेट है, जिसका उपयोग ऑटोइम्यून रोगों जैसे कि संधिशोथ के इलाज में किया जाता है, लेकिन इसे कोरोना से बचाव में इस्तेमाल किए जाने की बात भी सामने आई है.

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