मप्र में दो-तीन दिन के भीतर होने जा रहे मंत्रिमंडल के गठन की कवायद के बीच भाजपा के वरिष्ठ विधायक और संभावित दावेदार भोपाल में जुट गए हैं। इनमें गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, विजय शाह और तुलसी सिलावट आदि शामिल हैं। इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
सिंधिया की इस मुलाकात को भी मंत्रिमंडल गठन से ही जोड़कर देखा जा रहा है। बताया जा रहा है कि सिंधिया ने बड़ा मंत्रिमंडल बनाए जाने की बात रखी है। वे अपने खेमे के छह पूर्व मंत्रियों तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी और प्रद्युम्न सिंह तोमर को एक साथ मंत्री बनवाना चाहते हैं, ताकि वे क्षेत्र में चुनाव के लिए जा सकें। इसके अलावा ऐंदल सिंह कंसाना, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और बिसाहू लाल सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात हो रही है।
जबकि कोविड-19 के मद्देनजर भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह छोटा मंत्रिमंडल ही बनाएगी। लाॅकडाउन खत्म होने के बाद तुरंत विस्तार करके सभी बचे हुए लोगों को शामिल कर लिया जाएगा। ऐसी स्थिति में सिंधिया खेमे से एक-दो (सिलावट और राजपूत) को ही मौका मिल सकता है।
इस बीच गुरुवार को मंत्रिमंडल के नाम और उनके विभागों को लेकर भी बात हुई। मुख्यमंत्री पहली बार में वित्त, वाणिज्यिककर व आबकारी, कृषि, सहकारिता, खाद्य, गृह-परिवहन, पंचायत, राजस्व और स्वास्थ्य मंत्री बनाएंगे। इसमें से गृह, वित्त, परिवहन, स्वास्थ्य और सिंचाई को भाजपा अपने पास ही रख सकती है। बाकी विभागों में से कुछ सिंधिया खेमे के नेता को मिल सकते हैं। शाम के समय भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सुहास भगत ने मंत्रिमंडल को लेकर चर्चा की। इस दौरान गोपाल भार्गव समेत कुछ लोगों ने मुलाकात की।