Home हेल्थ इन संकेतों से समझें कि बिगड़ रहा है शरीर में हार्मोन संतुलन

इन संकेतों से समझें कि बिगड़ रहा है शरीर में हार्मोन संतुलन

24
0
SHARE

शरीर के हार्मोन्स हर अंगों को सही तरीके से काम करने में मदद करते हैं, लेकिन यदि इन्हीं हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाए तो कई प्रकार के शारीरिक विकार पैदा हो जाते हैं। हार्मोन के बिगड़ने से शरीर में क्या समस्याएं हो सकती हैं आइए जानते हैं

वजन का बढ़ना

जब शरीर में हार्मोन संतुलन बिगड़ता है तो इसके कारण शरीर का वजन अचानक बढ़ जाता है। नींद कम होना, अनियमित दिनचर्या और तनाव के अलावा अन्य कई कारण हैं, जो शरीर के हार्मोन को असंतुलित करते हैं। अक्सर यह देखा गया है कि महिलाओं में जब मोनोपॉज की स्थिति आती है, तो उस दौरान प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का लेवल कम होता है और इस कारण महिलाओं का वजन बढ़ने लगता है। इसके अलावा शरीर में जब एंड्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है तब भी शरीर का वजन अचानक बढ़ता है।

वजन कम करने के उपाय

www.myupchar.com से जुड़े डॉ. विशाल मकवाना के अनुसार, वजन का हार्मोन से सीधा संबंध है। ज्यादा वसायुक्त भोजन आसानी से पच नहीं पाता है, इसलिए अपने खाने में फाइबर से भरपूर आहार जैसे सलाद आदि खाना चाहिए। साथ ही नियमित व्यायाम से वजन कम किया जा सकता है। इसके अलावा यदि वजन ज्यादा बढ़ रहा है तो कम कार्बोहाइड्रेट वाला खाना लेना चाहिए। साथ ही इतना व्यायाम जरूर करें कि दिनभर में कम से कम 1500 कैलोरी बर्न हो जाए।

ऑस्टियोपोरोसिस की बीमारी

शरीर में हार्मोन असंतुलन की वजह से शरीर की हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं, जिसे मेडिकल भाषा में ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं। यह बीमारी अक्सर 40 से अधिक उम्र वाले लोगों में देखी जाती है। महिलाओं में भी मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन लेवल जब तेजी से कम होता है उसके कारण भी हड्डियां कमजोर होने लगती है। हड्डियां मजबूत करने के लिए उपाय –

हड्डियों में मजबूती बनाए रखने के लिए नियमित कैल्शियम युक्त आहार लें। साथ ही नियमित व्यायाम या योग करने से भी हड्डियां मजबूत होती है। 40 की उम्र को बाद खाने में कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ा देना चाहिए।

हार्मोन से बदल जाता है व्यवहार

पल-पल में चिढ़चिढ़ापन या झल्लाहट होना भी हार्मोन में बदलाव के संकेत हैं। इसके कारण लोगों में सहनशक्ति कम हो जाती है। यह लक्षण अक्सर महिलाओं में देखने को मिलते हैं, क्योंकि मासिक धर्म के दौरान हार्मोन में बदलाव होते रहते हैं। इस समय एस्ट्रोजन प्रोजेस्टेरोन और एंड्रोजन हार्मोन घटते-बढ़ते रहते हैं, जो मानसिक स्थिति पर प्रभाव डालते हैं। ‘मूड स्विंग’ से बचने के लिए नियमित व्यायाम, विटामिन युक्त भोजन और साथ ही ताजे मौसमी फलों का सेवन इस समस्या से निपटने में मदद कर सकता है।

बालों का गिरना

अक्सर लोगों का सवाल होता है कि उनके बाल क्यों गिर रहे हैं, लेकिन यह जानकर हैरानी होगी कि ऐसा शरीर में थायराइड असंतुलन के कारण होता है। वैसे तो आमतौर पर रोजाना सभी के 100 बाल गिरते हैं, लेकिन ज्यादा समय के लिए बाल झड़ना किसी और बात का संकेत हो सकता है। बालों में रूसी होना, सिर में खुजली होना भी बड़ी समस्याएं हैं। इससे बचने के लिए पौष्टिक आहार लेते रहें और बालों की साफ-सफाई का ध्यान रखें। बालों की नारियल तेल से हफ्ते में दो बार मालिश करें।

चेहरे पर मुंहासे आना

कई विशेषज्ञों के अनुसार जब पुरुष और स्त्री के हारमोंस में असंतुलन होता है तो तेल ग्रंथियां ज्यादा मात्रा में तेल बनाने लगते हैं, जिससे चेहरे के रोम छिद्रों पर डेड स्किन जमा हो जाती है और इस वजह से मुंहासे होने लगते हैं। महिलाओं में मुंहासों की समस्या मासिक धर्म के दौरान अधिक होती है क्योंकि इस समय उनके हार्मोंस में उतार-चढ़ाव होते रहते हैं। इसके अलावा प्रेग्नेंट महिलाओं में भी हार्मोंनल बदलाव के कारण मुहांसे आने की समस्या होती है। मुंहासों से बचने के लिए कम वसायुक्त आहार लें। इसके अलावा एंटीएंड्रोजन दवाएं लेने से भी फायदा होगा, लेकिन इसके लिए पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।

चेहरे पर बाल आना

कई महिलाओं में चेहरे पर बाल आने जैसी समस्या होती हैं, जिसे हरस्युटिज्म कहते हैं। इसमें महिलाओं के चेहरे पर पुरुषों की तरह दाढ़ी, मूंछ और छाती पर बाल आने लगते हैं। इसका मुख्य कारण महिलाओं के टेस्टोस्टेरोन और कॉर्टिसोल हार्मोंस में असंतुलन का होना है। जिन महिलाओं को यह समस्या है, उन्हें जंक फूड खाने से बचना चाहिए।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here