ऊना। जिला ऊना के किसान अपनी गेहूं की पैदावार को एफसीआई जलग्रां गोदाम में बेच सकते हैं। उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि इस संदर्भ में उन्होंने एफसीआई के अधिकारियों से बातचीत कर ली है और खरीद के लिए कुछ मापदंड तय किए जा रहे हैं, जिसके बाद किसान अपनी गेहूं वहां बेच पाएंगे। किसान अगर फसल की कटाई के लिए मजदूर लगाना चाहते हैं तो उन्हें एक-एक पास बनाने की आवश्यकता नहीं है
बल्कि मजदूरों के नाम वाली लिस्ट को ही अनुमित प्रदान की जा सकती है, इसके लिए किसानों को कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करना होगा। लेकिन, कामगारों को कोरोना महामारी से बचने के लिए जारी की जा रही गाइडलाइंस का पालन करना होगा। एक प्रश्न के उत्तर में डीसी ने कहा कि अभी तक उन्हें लिखित में कहीं भी लेबर द्वारा अधिक मजदूरी वसूलने का मामला सामने नहीं आया है। अगर कोई शिकायत आती है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि मनरेगा के कार्यों को भी सशर्त चलाने की अनुमति प्रदान की गई है।
डीसी ने कहा कि कंटेमनेंट जोन और उसके साथ लगती पंचायतों में भी कृषि संबंधी गतिविधियां हो सकती हैं। इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। कृषि विभाग ने इस कार्य के लिए एक योजना बनाई है, जैसे-जैसे किसान उनसे संपर्क कर रहे हैं। किसानों को गाइडलाइंस दी जा रही है। किसी किसान को कोई दिक्कत नहीं है।
उपायुक्त संदीप कुमार ने कहा कि एग्रो मशीनरी की सेल और रिपेयर करने वाली दुकानों को कर्फ्यू में छूट दी गई है। इसके लिए उन्हें पास बनवाना होगा। साथ ही गांव में दराती व कुल्हाड़ी तेज करने वाली छोटी-छोटी दुकानों को भी छूट दी गई है। उन्होंने स्वयं कई जगह जाकर ऐसे दुकानदारों से बात की है।
डीसी ने कहा कि सभी दुकानों को खोलने की अनुमति अभी प्रदान नहीं की गई है। संदीप कुमार ने कहा कि कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं अपने स्तर पर राशन का वितरण कर रही हैं, जो गलत है।