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मध्य प्रदेश में त्रिकोणीय होगी उपचुनाव की जंग; बसपा ने ग्वालियर चंबल की आठ सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम घोषित किए…

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मध्य प्रदेश में होने वाली उपचुनाव की जंग त्रिकोणीय होगी। बहुजन समाज पार्टी ने ग्वालियर-चंबल की आठ सीटों के लिए गुरुवार को प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए हैं। बसपा मध्यप्रदेश में उपचुनाव के लिए पूरी ताकत से जोर आजमाइश करेगी। गुरुवार को बसपा ने ग्वालियर-चंबल अंचल की 8 सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। इनमें से ज्यादातर सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। इस सीटों पर बसपा तीसरी बड़ी पार्टी के रूप में चुनाव में जोर आजमाइश करेगी।

ग्वालियर-चंबल अंचल में बसपा के वोटों की अच्छी-खासी संख्या है। 2018 के चुनावों में यहां की ज्यादातर सीटों में बसपा के प्रत्याशी दूसरी पोजीशन पर रहे थे। ऐसे में लड़ाई त्रिकोणीय होने की पूरी संभावना है। घोषित की गई सीटों में मुरैना की जौरा सीट से सोनाराम कुशवाहा पूर्व विधायक बसपा, मुरैना से राम प्रकाश राजोरिया, मुरैना की अंबाह से भानु प्रताप सिंह सखवार, भिंड की मेहगांव सीट से योगेश मेघसिंह नरवरिया, भिंड की गोहद से जसवंत पटवारी, ग्वालियर की डबरा से संतोष गौड़, शिवपुरी की पोहरी से कैलाश कुशवाहा और शिवपुरी की करैरा सीट से राजेंद्र जाटव चुनाव मैदान में उतरेंगे।

इसमें बसपा की भूमिका कांग्रेस के वोट बैंक को सेंध लगाने वाली हो सकती है। जिन सीटों की घोषणा की गई है, इनमें ज्यादातर सीटों पर 2018 में बसपा के उम्मीदवार सेकेंड पोजीशन पर रहे थे। अब कांग्रेस के साथ जैसे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी नहीं हैं। ऐसे में इन चुनावों में बसपा भारतीय जनता पार्टी को ही फायदा पहुंचाती दिख रही है।

बसपा का दावा है कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल संभाग की 15 सीटों पर उसे निर्णायक वोट मिले थे। दो सीटों पर उसके प्रत्याशी दूसरे क्रम पर रहे, जबकि 13 सीटें ऐसी थीं, जहां बसपा प्रत्याशियों को 15 हजार से लेकर 40 हजार तक वोट मिले थे। ग्वालियर-चंबल की जिन सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, उनमें से मेहगांव, जौरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी, अंबाह, भांडेर, करैरा और अशोकनगर में पूर्व में बसपा जीत दर्ज करा चुकी है। पिछले चुनाव में गोहद, डबरा और पोहरी में बसपा दूसरा दल रहा, जबकि ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और मुंगावली में उसकी मौजूदगी नतीजों को प्रभावित करने वाली साबित हुई। डेढ़ साल पहले मुरैना में भाजपा की पराजय में बसपा की मौजूदगी प्रमुख कारण था। इसके अलावा पोहरी, जौरा, अंबाह में बसपा के चलते भाजपा तीसरे नंबर पर पहुंच गई थी।

डेढ़ साल पहले विधानसभा आम चुनाव में बसपा ने ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों पर निर्णायक वोट हासिल किए थे। इनमें अंबाह 22179, अशोकनगर 9559, करैरा 40026, ग्वालियर 4596, ग्वालियर पूर्व 5446, गोहद 15477, डबरा 13155, दिमनी 14458, पोहरी 52736, भांडेर 2634, मुंगावली 14202, मुरैना 21149, मेहगांव 7579, बमोरी 7176, सुमावली 31331 एवं जौरा में बसपा प्रत्याशी को 41014 वोट मिले थे।

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