हमारा व्यवहार हमारे ग्रहों की स्थितियों से संबंध रखता है या कह सकते हैं कि हमारे व्यवहार से हमारे ग्रहों की स्थितियां प्रभावित होती हैं. अच्छा हो या बुरा व्यवहार सीधा हमारे ग्रहों को प्रभावित करता है. ग्रहों के कारण हमारे भाग्य पर भी इसका असर पड़ता है. कभी-कभी हमारे व्यवहार से हमारी किस्मत पूरी तरह बदल जाती है. आइए जानते हैं कि किस्मत का व्यवहार पर कैसे असर पड़ता है.
वाणी- वाणी का संबंध हमारे पारिवारिक जीवन और आर्थिक समृद्धि से होता है. खराब वाणी से हमें जीवन में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. वाणी का भाग्य पर बुरा असर पड़ने से आकस्मिक दुर्घटनाएं घट जाती हैं या कोई बड़ी बीमारी भी हो सकती है. वाणी को अच्छा रखने के लिए सूर्य को जल देना लाभकारी होता है. गायत्री मंत्र के जाप से भी शीघ्र फायदा होता है.
आचरण और कर्म- हमारे आचरण और कर्मों का संबंध हमारे रोजगार से है. अगर कर्म और आचरण शुद्ध न हों तो रोजगार में समस्या होती है, व्यक्ति जीवन भर भटकता रहता है और वो कभी भी स्थिर नहीं हो पाता है. आचरण जैसे-जैसे सुधरने लगता है वैसे-वैसे रोजगार की समस्या दूर होती जाती है. आचरण की शुद्धि के लिए प्रातः और सायंकाल ध्यान करें. इसमें भी शिव जी की उपासना से अद्भुत लाभ होता है.
जिम्मेदारियों की अवहेलना- जिम्मेदारियों से हमारे जीवन की बाधाओं का संबंध होता है. जो लोग अपनी जिम्मेदारियां ठीक से नहीं उठाते हैं उन्हें जीवन में बड़े संकटों, जैसे मुकदमे और कर्ज का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति फिर अपनी समस्याओं में ही उलझ कर रह जाता है. अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में कोताही न करें. एकादशी का व्रत रखने से यह भाव बेहतर होता है. साथ ही पौधों में जल देने से भी लाभ होता है.
सहायता न करना- अगर सक्षम होने के बावजूद आप किसी की सहायता नहीं करते हैं तो आपको जीवन में मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कभी न कभी आप जीवन में अकेलेपन के शिकार हो सकते हैं. आप जितना लोगों की सहायता करेंगे, उतना ही आपको ईश्वर की कृपा का अनुभव होगा. आप कभी भी मन से कमजोर नहीं होंगे. दिन भर में कुछ समय ईमानदारी से ईश्वर के लिए जरूर निकालिये. इससे करुणा भाव प्रबल होगा और भाग्य चमक उठेगा.