Home फैशन त्वचा की झुर्रियों को कहें अलविदा…

त्वचा की झुर्रियों को कहें अलविदा…

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ताउम्र जवां दिखना भला कौन नहीं चाहता। हालांकि, कभी चेहरा बिगड़ने तो कभी सिरदर्द-मिचली जैसे साइडफेक्ट के डर से लोग अक्सर बोटॉक्स ट्रीटमेंट आजमाने में हिचकिचाते हैं। ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने खास ऐसे लोगों को ध्यान में रखते हुए ‘यूवेंस’ नाम का एक ऐसा कॉस्मेटिक उपचार ईजाद किया है, जो त्वचा में मौजूद फैट कोशिकाओं की मदद से झुर्रियों का नामोनिशान मिटाता है। वो भी बिना किसी दुष्प्रभाव के।

डॉक्टर ऑलिवियर अमर के नेतृत्व में विकसित ‘यूवेंस’ में किसी रसायन या कृत्रिम तत्व का इस्तेमाल नहीं किया जाता। कॉस्मेटिक सर्जन मामूली चीर-फाड़ के जरिये मरीज की जांघ में मौजूद अवांछित स्वस्थ ऊतक निकालते हैं। इसके बाद लैब में ऊतकों में पाई जाने वाली फैट कोशिकाएं अलग कर उन्हें शुद्धिकरण की प्रक्रिया से गुजारते हैं। अंत में फैट कोशिकाओं को ‘क्रायो चैंबर’ में उचित तापमान पर फ्रीज किया जाता है, ताकि वे सालोंसाल सुरक्षित रहें।

अमर की मानें तो फैट कोशिकाएं त्वचा में खिंचाव लाने का काम करती हैं। इससे झुर्रियों के निशान प्राकृतिक रूप से गायब हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि मरीज जब झुर्रियों के इलाज के लिए आता है तो जवानी के दिनों में संरक्षित की गई उसकी फैट कोशिकाएं इंजेक्शन के जरिये त्वचा में प्रतिरोपित कर दी जाती हैं। चूंकि, इन कोशिकाओं की प्राकृतिक संरचना से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती है, न ही इंजेक्शन में कोई रसायन मिलाया जाता है, इसलिए ‘यूवेंस’ पूरी तरह से सुरक्षित व साइडइफेक्ट रहित है।

कॉस्मेटिक सर्जरी का भविष्य-
अमर ‘यूवेंस’ को भविष्य का बिना सर्जरी वाला सबसे सुरक्षित और असरदार कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट करार दे रहे हैं। उनके मुताबिक शरीर से एक बार में निकाले गए ऊतकों से फैट कोशिकाओं के दस इंजेक्शन तैयार किए जा सकते हैं। फिलहाल दसों इंजेक्शन को पांच साल तक इस्तेमाल के लिए सहेजना मुमकिन है।

कोलाजेन के निर्माण में सक्षम-
शोध दल से जुड़ी डॉक्टर मरियम जमानी ने कहा कि ‘यूवेंस’ के तहत संरक्षित फैट कोशिकाओं को कॉस्मेटिक सर्जरी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे त्वचा कोशिकाओं में कोलाजेन का उत्पादन सुनिश्चित होता है, जो उन्हें लचीला बनाए रखने के लिए जरूरी है। खास बात यह है कि इससे प्राप्त निखार प्राकृतिक लगता है।

लगातार बढ़ता इस्तेमाल-
-15 लाख से अधिक बोटॉक्स इंजेक्शन इस्तेमाल किए गए अकेले अमेरिका में साल 2017 में
-90 फीसदी यूजर महिलाएं, इनमें से 60 प्रतिशत के करीब 45 से 54 वर्ष के आयुवर्ग में आती हैं
-20 प्रतिशत बोटॉक्स यूजर की उम्र 30 से 39 साल के बीच, 750 रुपये प्रति यूनिट है बोटॉक्स की कीमत
(स्रोत : अमेरिकन सोसायटी ऑफ प्लास्टिक सर्जन्स की रिपोर्ट)

साइडइफेक्ट कम नहीं-
-बोटॉक्स के अत्यधिक इस्तेमाल से त्वचा में मौजूद मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं
-त्वचा की परत ढीली और पतली भी होती है, उन्हें नुकसान पहुंचने का जोखिम बढ़ता है
-आंख के ऊपर की त्वचा लटक जाती है, मुंह से लार टपकने की समस्या पनप सकती है
-होंठों का आकार बिगड़ने का भी डर, आंसू कम बनने से आंखों की रोशनी कमजोर पड़ती

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