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दिल्ली दंगों के 15 आरोपियों के खिलाफ 15 हजार से अधिक पेज की चार्जशीट दायर…

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली दंगों के 15 आरोपियों के खिलाफ बुधवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (UAPA), आईपीसी और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत कड़कड़डूमा कोर्ट में 15,000 से अधिक पन्नों की एक और चार्जशीट दायर कर दी है।

जानकारी के अनुसार, दिल्ली दंगों के मामले में आज दायर गई इस चार्जशीट में उमर खालिद और शरजील इमाम का नाम नहीं है। उन्हें कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया गया था, उनका नाम सप्लीमेंट्री चार्जशीट में होगा।

बता दें कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सोमवार को कहा था कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की साजिश की जांच पूरी होने के करीब है और इस सिलसिले में गुरुवार 17 सितंबर तक चार्जशीट फाइल कर दी जाएगी। श्रीवास्तव ने यह भी कहा था कि दिल्ली पुलिस जिन लोगों की जांच कर रही है, उनमें कुछ की काफी अच्छी सोशल मीडिया मौजूदगी है। उन्होंने कहा कि चूंकि हम जांच के आखिरी छोर पर पहुंच रहे हैं, उमर खालिद भी गिरफ्तार किया जा चुका है। इसलिए खासकर सोशल मीडिया और टीवी चैनलों पर अधिक शोर मचाया जा रहा है। वे हमें जांच से दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि दंगों के संबंध में कुल 751 मामले दर्ज किए और बहुत निष्पक्ष तरीके से जांच की गई। उन्होंने कहा कि 751 मामलों में से 340 को सुलझा लिया गया है, जबकि शेष मामलों में पुलिस को ज्यादा लीड नहीं मिली है। श्रीवास्तव ने कहा कि 751 में से एक मामला मूल रूप से साजिश के संबंध में है, और यह क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज किया गया है, लेकिन इसे स्पेशल सेल में स्थानांतरित कर दिया गया है, क्योंकि उन्हें 17 सितंबर तक चार्जशीट दाखिल करनी है।

उन्होंने कहा कि अन्य 59 महत्वपूर्ण मामले तीन एसआईटी को दिए गए थे जो क्राइम ब्रांच के तहत गठित की गई थी और 59 मामलों में से 46 का सुलझा लिया गया था और इन सभी में, चार्जशीट फाइल कर दिए गए हैं और हम अब भी सप्लीमेंट्री चार्जशीट फाइल कर रहे हैं। पुलिस आयुक्त ने कहा कि कुछ मामले जिला पुलिस के पास हैं और वे यह सुनिश्चित करने के लिए भी अच्छा काम कर रहे हैं कि सभी साक्ष्य एकत्र कर उचित तरीके से पेश किए जाएं।

 

गौरतलब है कि नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, घोंडा, चांदबाग, शिव विहार, भजनपुरा, यमुना विहार इलाकों में साम्प्रदायिक दंगे भड़क गए थे।

इस हिंसा में कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे। साथ ही सरकारी और निजी संपत्ति को भी काफी नुकसान पहुंचा था। उग्र भीड़ ने मकानों, दुकानों, वाहनों, एक पेट्रोल पम्प को फूंक दिया था और स्थानीय लोगों तथा पुलिस कर्मियों पर पथराव किया।

इस दौरान राजस्थान के सीकर के रहने वाले दिल्ली पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की 24 फरवरी को गोकलपुरी में हुई हिंसा के दौरान गोली लगने से मौत हो गई थी और डीसीपी और एसीपी सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल गए थे। साथ ही आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या करने के बाद उनकी लाश नाले में फेंक दी गई थी।  इस साल फरवरी में उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे में कथित भूमिका के आरोप में पुलिस ने रविवार देर रात जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली दंगे के सिलसिले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 02 सितंबर को कुछ घंटे तक उमर से पूछताछ की थी।

इससे पहले पुलिस ने दंगे से जुड़े एक अन्य मामले में उमर के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) कानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी दंगे के पीछे कथित साजिश के मामले में उमर से पूछताछ की थी। पुलिस ने उमर खालिद का मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया था।

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