ऊना शहर में कई लोग अब भी मास्क पहनने से गुरेज कर रहे हैं। बढ़ते कोरोना मामलों से ऐसे लोग सबक नहीं ले रहे। इससे उन्हें जहां कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है वहीं ये लोग दूसरों को भी कोरोना संक्रमण के ढर्रे पर लेकर जा रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो जिला में ऐसे भी लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिनमें खांसी, जुकाम, बुखार लक्षण नाममात्र रहे हैं। अब बिना टेस्ट किए यह पुख्ता भी नहीं है कि कौन किस हालत में सार्वजनिक स्थानों पर घूम रहा है। इन्हीं हालातों से बचाव के लिए शारीरिक दूरी नियम और मास्क का पहनना अनिवार्य किया गया है, लेकिन कई लोग आज भी इन नियमों को दरकिनार कर न मास्क पहन रहे हैं और न ही शारीरिक दूरी के नियम की पालना कर रहे हैं। हालांकि सप्ताह के कार्यदिवस दिनों में प्रशासनिक टीमें लगातार समय-समय पर निरीक्षण भी पर निकल रही हैं। बावजूद इसके लापरवाह लोगों को किसी का डर नहीं सता रहा है। कोरोना संक्रमण के फैलाव का भी खतरा और मंडरा रहा है। कुछ लोग बाजार में ऐसे भी मिलेंगे जिन्होंने मास्क पहना तो है,
लेकिन मुंह और नाक के नीचे होगा। विडंबना इस बात की भी है कि अभी तक यहां प्रशासन सहित समाजसेवी संस्थाओं ने कोविड-19 नियमों को लेकर जागरूकता अभियान चलाए तो पुलिस भी लोगों को निश्शुल्क मास्क देकर जागरूक कर रही है, लेकिन कोरोना नियमों की परवाह किए बगैर लोग आज भी घरों से बाहर बिना मास्क निकल रहे हैं, जिनमें अधिकांश पढ़ा-लिखा युवा वर्ग भी सम्मिलित है।
कोविड-19 नियमों की पालना में लापरवाही करने में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। हर सार्वजनिक स्थल सहित सड़कों पर बच्चों संग महिलाएं बिना मास्क ऐसे घूमती हैं मानों कोरोना की उन्हें काई चिंता ही नहीं है।फिलहाल कोरोना से अगर बचना है तो मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करें। संक्रमण से बचाव की यही दवा है। अन्यथा लापरवाही करने वाले स्वयं सहित दूसरों को भी संक्रमण के खतरे की ओर धकेल रहे हैं।