मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीकाकरण अभियान की तैयारियों को लेकर गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लोगों को टीका सरकार द्वारा तय चरण के हिसाब से ही लगेगा। शिवराज की सिफारिश भी इस मामले में काम नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान सुबह 9 बजे पूरे प्रदेश में एक साथ शुरू होगा। उन्होंने कहा है कि वे यह प्रयास करें कि पहला टीका सफाई कर्मचारी को लगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फ्रंट लाइन वर्कर्स जैसे पुलिसकर्मी, राजस्व अमला को सुरक्षित होना जरूरी है। उन्होंने धर्म गुरुओं से अपील की है कि वे स्थानीय स्तर पर प्रशासन के टीकाकरण की प्राथमिकताओं की जानकारी आमजनों को दें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से व्यवस्थाएं करने का समय मिल गया था। प्रधानमंत्री के आह्वान पर पूरा देश एकजुट हुआ। यही वजह है कि कोरोना मप्र में आउट ऑफ कंट्रोल नहीं हुआ। समय रहते सभी प्रबंध कर लिए गए। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने टीकाकरण अभियान की तैयारियों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हर जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज को आदर्श बनाया जाना चाहिए। इन अस्पतालों में वह सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए जो किसी निजी अस्पताल में मिलती हैं। सभी मशीनें चालू हालत में होनी चाहिए। यह आरोप लगता है कि निजी अस्पताल को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पतालों की मशीनें बंद कर दी जाती हैं। कई बार यह सही भी होता है। मशीनें होती हैं तो चलाने वाले नहीं होते। यह ठीक नहीं है।
सुरक्षित है कोरोना की वैक्सीन
सीएम ने ये भी कहा कि वैक्सीन लगने के तुरंत बाद ही शरीर में एंटीबॉडीज नहीं बनेंगी। वैक्सीन की पहली डोज के 28 दिन बाद दूसरी डोज मिलेगी और इसके 14 दिन बाद एंटीबॉडीज डेवलेप होगी। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन और कोवीशील्ड, दोनों वैक्सीन पूरी तरह से टेस्ट की गई हैं। हमारे वैज्ञानिकों ने उन्हें सभी पैमानों पर चेक किया है और उसके बाद ही उनके इस्तेमाल का फैसला किया गया है। दोनों वैक्सीन सुरक्षित हैं और दोनों में कोई अंतर नहीं है। दोनों शरीर में प्रतिरोधक क्षमता पैदा करती हैं और एंटीबॉडी बनाती हैं।
हर शहर में एक शासकीय हॉस्पिटल आइडियल हो
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नई बिल्डिंग का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को बेहतर बनाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के अभियान में 100% लक्ष्य हासिल करना है। लक्ष्य पूरे होंगे, तभी बच्चों को हम बेहतर भविष्य दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि हर शहर में शासकीय हाॅस्पिटल आइडियल होना चाहिए। जिला अस्पतालों में निजी अस्पतालों की तरह सुविधाएं मिले, इसके प्रयास किए जाएं। हमारे पास संसाधनों की कमी नहीं है। आयुष्मान भारत से रजिस्टर्ड अस्पताल भी बेहतर होना जाहिए।
डॉक्टरों के खाली पदों को लेकर चिंता जाहिर
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों के खाली पदों को लेकर चिंता भी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास अस्पतालों में सेवाएं बेहतर करने का है, जिसमें डॉक्टरों के खाली पदों को भरने की दिशा में प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि सभी शासकीय अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा होनी चाहिए।