राज्य सरकार कर्मचारियों को बड़ी राहत देने जा रही है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कहा कि 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए ट्रांसफर पर लगे बैन को हटाया जा रहा है। इसके लिए ट्रांसफर पॉलिसी पर विचार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रशासनिक आधार पर एक पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का प्रयास होगा। अप्रैल माह के बाद साल भर ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी विभाग इसकी समीक्षा कर आवश्यक तैयारी कर लें। मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल में पहली बार ट्रांसफर से बैन हटाया जा रहा है। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने 5 जून से 5 जुलाई तक एक माह ट्रांसफर से बैन हटाने के लिए पॉलिसी लागू की थी।
इसके बाद होने वाले ट्रांसफर के लिए विभाग की तरफ से प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय में समन्वय के लिए भेजा जाता था। इस दौरान मंत्रियों को भी ट्रांसफर करने के अधिकार नहीं रहते हैं। लेकिन बैन हटने के दौरान ट्रांसफर के लिए राज्य शासन पॉलिसी लागू करता है। सूत्रों के मुताबिक इस बार तहसील, जिला व राज्य स्तर पर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन पर ही किए जाएंगे। वहीं, प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागीय मंत्री के अनुमोदन और जिले के भीतर के तबादले प्रभारी मंत्री व कलेक्टर आपसी समन्वय से करेंगे। 5 जून को जब ट्रांसफर से बैन हटा था, तब 70 हजार से ज्यादा आवेदन विभिन्न विभागों और जिला प्रशासन के पास आए थे। इसमें से सबसे अधिक स्कूल शिक्षा में 50 हजार और 15 हजार आवेदन आदिम जाति विभाग में पहुंचे थे।
इस सरकार में भी मंत्रियों व विधायकों के पास ट्रांसफर के सैकड़ों आवेदन पड़े हैं। इतना ही नहीं चूंकि ट्रांसफर पर बैन लगने के कारण मंत्रियों की सिफारिश के पत्र व नोटशीट मुख्यमंत्री कार्यालय में पहुंच रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री ने ट्रांसफर से बैन हटाने का ऐलान किया है।
11 साल में 6वीं बार हटेगा बैन
वर्ष 2010 के बाद यह 6वीं बार बैन खुल रहा है। इससे पहले जून 2019, जनवरी 2018, जुलाई 2017, मार्च 2016 और 2010 में ही तबादलों पर से प्रतिबंध हटा था।