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जिले में मत्स्य पालन के लिए स्थापित होंगी 13 इकाइयां….

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जिले में मत्स्य पालन विभाग की ओर से आगामी वित्त वर्ष के लिए दो करोड़ 21 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है। इसमें जिले में 13 मत्स्य पालन से संबंधित इकाइयां स्थापित की जाएंगी।

यह जानकारी उपायुक्त राघव शर्मा ने सोमवार को मत्स्य पालन विभाग के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में दी। उन्होंने बताया कि जिले में 230 किसानों के माध्यम से 140 हेक्टेयर भूमि पर हर वर्ष 455 टन मछली उत्पादन किया जा रहा है। किसानों को विभाग की ओर से तालाब निर्माण, मशीनरी, मत्स्य बीज आदि उपदान पर उपलब्ध करवाने के साथ आधुनिक तकनीक के बारे में प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। कार्प क्लस्टर के तहत पांच हेक्टेयर भूमि पर तालाब के निर्माण पर 62 लाख रुपये खर्च आता है। इसमें आवश्यक मशीनरी, वाहन, जाल व अन्य जरूरी उपकरण भी शामिल हैं। इसके लिए सरकार 40 से 60 फीसद अनुदान दे रही है।

सामान्य वर्ग को 40 व महिलाओं को 60 फीसद अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि 1000 वर्गमीटर क्षेत्र में बायोफ्लॉक तालाब तैयार करने की लागत 14 लाख रुपये है। आठ लाख 40 हजार रुपये अनुदान सरकार दे रही है। लाभार्थी को केवल पांच लाख 60 हजार रुपये खर्च करने होंगे। इस तकनीक से तैयार तालाब में 10 माह में 10 से 15 टन तक मछली उत्पादन किया जा सकता है।

उपायुक्त ने बताया कि रिसर्कुलर एक्वाकल्चर प्रणाली भी मत्स्य उत्पादन के लिए बेहतर तकनीक है। आगामी वर्ष में इस प्रणाली को स्थापित करने के लिए जिले के दो प्रगतिशील किसानों ने आवेदन किया है। इसकी लागत 25 लाख रुपये है। इसमें महिलाओं को 15 लाख रुपये अनुदान सरकार दे रही है।

इस मौके पर उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी डीआरडीए संजीव ठाकुर, सहायक निदेशक मत्स्य योगेश गुप्ता, जिलास्तरीय मत्स्य पालन समिति के सदस्य विजय डोगरा, सहायक अभियंता जलशक्ति विभाग विनोद धीमान, सहायक कृषि अधिकारी दीपिका भाटिया व कृषि विज्ञान केंद्र से दीप्ति कपूर मौजूद रहे।

पोखरों व तालाबों में मछली उत्पादन की संभावनाएं तलाशी जाएं

जिले के विभिन्न स्थानों पर करीब 500 तालाब हैं। इन्हें पंचायतों के माध्यम से मत्स्य पालन के लिए उपयोग में लाने की संभावनाएं तलाशी जाएं ताकि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिल सके। आगामी वित्त वर्ष के लिए कम से कम पांच बड़े तालाबों का सर्वेक्षण कर प्रयोगात्मक प्रयास शुरू किए जाएं ताकि सफल होने पर बड़े पैमाने पर प्राकृतिक तालाबों को भी उपयोग में लाया जा सके।

रायपुर मैदान में स्थापित हो फिश यूनिट

उपायुक्त ने निर्देश दिए कि आगामी वर्ष की कार्ययोजना में रायपुर मैदान में टूरिज्म की दृष्टि से 50 लाख रुपये से प्रोमोशन ऑफ रिक्रिएशनल फिशरीज इकाई स्थापित करने को भी शामिल किया जाए। वरिष्ठ मत्स्य अधिकारी विवेक शर्मा ने मछली पालन व्यवसाय से जुड़े किसानों व कार्यशील इकाइयों के बारे में जानकारी दी।

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