टेक्नोलॉजी का एक अद्भुत कमाल भोपाल में देखने को मिला है। इसकी मदद से भोपालियों ने 10 साल से बिछड़े शख्स को महज 10 दिन में ही परिवार से मिलवा दिया। सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन सच है। मामला बुधवारा इलाके का है। यहां काली मंदिर के पास एक शख्स लावारिस हालत में मिला। भोपाल के लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। मानसिक-शारीरिक हालत ठीक न होने से उसके परिवार को तलाशना शुरू किया। लोगों ने 200 वॉट्सऐप ग्रुप्स पर शख्स की फोटो शेयर कर दी। दो दिन पहले ही शख्स को बैतूल का परिवार ले गया।
पत्नी बोली- नशे ने बिगाड़ दी मानसिक स्थिति
बैतूल के मुलताई तहसील के खंबारा में रहने वाली प्रमिला कसलेकर के मुताबिक, बात 2012 की है। पति भूरा कसलेकर मुलताई में रिक्शा चलाते थे। इस दौरान उनको नशे की लत लग गई। वे मेरे साथ मारपीट करने लगे। मैं बेटी और बेटे को लेकर मायके चली आई। तब बेटी की उम्र 5 साल की थी। अब वह 15 साल की है। इसके बाद अचानक पति लापता हो गए। मैंने कई जगह उन्हें तलाशा, लेकिन नहीं मिले। बच्चों को पालने और उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए मैंने मजदूरी शुरू की। कुछ दिन पहले भोपाल से फोन आया कि आपके पति भोपाल के टीबी अस्पताल में भर्ती हैं। मैं बेटे के साथ भोपाल पहुंची। उनकी हालत देखकर रोना आ गया। उनके शरीर में सिर्फ हडि्डयां बची हैं। इस बात की खुशी है कि वे 10 साल बाद मिल गए। अब उनकी हालत सुधर रही है। भोपाल के लोगों ने पति को परिवार से मिलाने में काफी परेशानी उठाई। उन लोगों को भगवान सुरक्षित रखे।’
शरीर में सिर्फ हडि्डयां बची
भोपाल के पुराने शहर के रहने वाले अयान खान ने बताया कि हमारी टीम बेसहारा मरीजों को इलाज करने में मदद करती है। 15 दिन पहले खबर मिली कि बुधवारा में काली मंदिर के पास एक व्यक्ति बुरी हालत में भूखा-प्यासा है। हम जब वहां पहुंचे। आसपास वालों ने बताया कि पुलिस-एंबुलेंस को कॉल करने पर कहा गया कि कोई अटेंडर साथ नहीं है। अस्पताल में कौन देखभाल करेगा। उसकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि शरीर में सिर्फ हडि्डयां बची हैं। शुक्र है कि जान बाकी थी। टीबी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। आठ-दस दिनों में ही हालत ठीक हो गई।
200 ग्रुप्स में शेयर की फोटो और डिटेल
अयान ने बताया कि साथी मोहन सोनी, जीशान, साहाब, नरेश ने अलग-अलग जिलों के करीब 200 ग्रुप्स में फोटो शेयर की। कुछ दिन पहले बैतूल के परिचित ने बताया कि मुलताई के एक गांव से भूरा नाम का एक व्यक्ति कई साल से लापता है। इसका चेहरा उससे मिलता है। जब टीम बैतूल में उसके गांव खंबारा पहुंची, तो पत्नी ने देखकर पहचान लिया।
विधायक ने भेजी एंबुलेंस
भोपाल के टीबी हॉस्पिटल से भूरा कसलीकर को घर पहुंचाने के लिए मुलताई विधायक और पूर्व मंत्री सुखदेव पांसे ने एंबुलेंस का इंतजाम किया। पांसे से भोपाल की टीम ने मदद मांगी थी। 10 दिन तक लगातार अयान और उसके साथी उसकी अस्पताल में देखभाल कर रहे थे।