सुप्रीम कोर्ट ने पैगंबर मोहम्मद पर कथित नफरत भरे बयान मामले में बीजेपी की निलंबित नेता नूपुर शर्मा को बड़ी राहत देते हुए जांच पूरी होने तक गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की है। इसके साथ-साथ कोर्ट ने नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज किए गए सभी केसों को दिल्ली ट्रांसफर करने का निर्देश देते हुए क्लब की गई एफआईआर की जांच दिल्ली पुलिस को ट्रांसफर कर दिया है।
नूपुर शर्मा की याचिका पर पिछले महीने सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी की निलंबित नेता को बड़ी राहत देते हुए 10 अगस्त तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। इसके साथ-साथ कोर्ट ने केंद्र और उन राज्यों को नोटिस जारी किया है, जहां उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। इस नोटिस में अदालत ने राज्यों और केंद्र सरकार से पूछा था कि नूपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज केसों को एक ही स्थान पर क्यों न ट्रांसफर कर दिया जाए।
नूपुर शर्मा की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया था कि उनके खिलाफ अलग-अलग स्थानों पर 9 एफआईआर दर्ज हैं और उन सभी को एक ही जगह ट्रांसफर कर दिया जाए ताकि देश के अलग-अलग शहरों में उन्हें यात्रा न करनी पड़े। नूपुर शर्मा के वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि उनकी मुवक्किल की जान को खतरा है और तमाम जगहों से उन्हें धमकियां मिल रही हैं। इस पर अदालत ने कहा था कि हम आपके कानूनी विकल्पों को बरकरार रखना चाहते हैं।
मामला तुल पकड़ने और पार्टी से निलंबित किए जाने के बाद ही नूपुर शर्मा ने अपने शब्द वापस ले लिए थे। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखकर नूपुर शर्मा ने कहा था, मैं महादेव का अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाई और रोष में आकर कुछ बातें कह दीं। मैं अपने शब्दों को वापस लेती हूं। शर्मा ने एक ट्वीट में लिखा, मैं पिछले कई दिनों से टीवी डिबेट पर जा रही थी, जहां रोजाना मेरे आराध्य शिव जी का अपमान किया जा रहा था। मेरे सामने यह कहा जा रहा था कि वह शिवलिंग नहीं फुवारा है। दिल्ली के हर फुटपाथ पर बहुत शिवलिंग पाए जाते हैं जाओ जा के पूजा कर लो।