Home धर्म/ज्योतिष छठ में आखिर क्यों दिया जाता है डूबते सूरज को अर्घ्य?…

छठ में आखिर क्यों दिया जाता है डूबते सूरज को अर्घ्य?…

29
0
SHARE

उगते सूर्य को अर्घ्य देने की रीति तो कई व्रतों और त्योहारों में है लेकिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा आमतौर पर केवल छठ व्रत में है. कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की षष्ठी को ढलते सूर्य को अर्घ्य क्यों दिया जाता है. आइए जानते हैं….

सुबह, दोपहर और शाम तीन समय सूर्य देव विशेष रूप से प्रभावी होते हैं.

सुबह के वक्त सूर्य की आराधना से सेहत बेहतर होती है. दोपहर में सूर्य की आराधना से नाम और यश बढ़ता है. शाम के समय सूर्य की आराधना से जीवन में संपन्नता आती है.

शाम के समय सूर्य अपनी दूसरी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं.

इसलिए प्रत्यूषा को अर्घ्य देना तुरंत लाभ देता है.

जो डूबते सूर्य की उपासना करते हैं ,वो उगते सूर्य की उपासना भी ज़रूर करें

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा इंसानी जिंदगी हर तरह की परेशानी दूर करने की शक्ति रखती है. फिर समस्या सेहत से जुड़ी हो या निजी जिंदगी से. ढलते सूर्य को अर्घ्य देकर कई मुसीबतों से छुटकारा पाया जा सकता है.

इन लोगों को अस्त होते सूर्य को ज़रूर अर्घ्य देना चाहिए-

जो लोग बिना कारण मुकदमे में फंस गए हों.

जिन लोगों का कोई काम सरकारी विभाग में अटका हो.

जिन लोगों की आँखों की रौशनी घट रही हो.

जिन लोगों को पेट की समस्या लगातार बनी रहती हो.

जो विद्यार्थी बार-बार परीक्षा में असफल हो रहे हों.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here