प्रीति सिंह अंग्रेजी भाषा की एक भारतीय साहित्यकार, उपन्यासकार एवं सम्पादिका हैं। महावीर पब्लिशर्स द्वारा 2012 में प्रकाशित इनका पहला उपन्यास “फ्लर्टिंग विथ फेट” बेस्ट सेलिंग उपन्यास रहा और वे अपनी दूसरी किताब “क्रॉसरोड्स” के साथ एक अवॉर्ड विजेता लेखिका बन चुकी हैं। इनका दूसरा उपन्यास क्रॉसरोड्स, भारत का पहला ऐसा उपन्यास है, जिसमें पात्रोंं के रूप में वास्तविक जीवन के लोगोंं का समावेश है। प्रीति सिंह के इस उपन्यास को इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज किया जा चुका हैं।
प्रारंभिक जीवन एवं परिचय: प्रीति सिंह का जन्म 26 अक्टूबर, 1971 को अम्बाला में हुआ। वे एक सैनिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता मेजर जनरल श्री कुलवंत सिंह भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए हैं और माँ, श्रीमती सोन्या सिंह, जिनका फेफड़ों के कैंसर के कारण निधन हो चुका है। प्रीति ने अपनी स्कूली शिक्षा ला मार्टिनियर स्कूल, लखनऊ से प्राप्त की। वे अंग्रेज़ी ऑनर्स के साथ एमसीएम डीएवी वुमन कॉलेज, चंडीगढ़ से स्नातक और पंजाब विश्वविद्यालय,चंडीगढ़ से अंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, दिल्लीसे प्रीति सिंह ने पत्रकारिता एवं जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा हासिल की और एमिटी विश्वविद्यालय, नोएडा के साथ एक सम्पादक के रूप में अपने कैरियर की शुरूआत की। अन्नामलाई विश्वविद्यालय से बी.एड. करने के बाद देश के विभिन्न आर्मी स्कूलों में अध्यापन का कार्य किया। इसके पूर्व वे एक क्रिएटिव कंटेंट राइटर के रूप में एक एसईओ कंपनी में भी कार्य कर चुकी थीं। वर्तमान में वे चंडीगढ़ में रहती हैं।
कार्य: प्रीति सिंह का पहला क्राइम थ्रिलर उपन्यास “फ्लर्टिंग विथ फेट” महावीर प्रकाशन द्वारा 2012 में प्रकाशित हुआ, जिसे राष्ट्रमंडल बुकर पुरस्कार के लिए नामांकित और बेस्ट डेब्यू क्राइम फिक्शन 2012 से पुरस्कृत भी किया गया। पुस्तक फ्लर्टिंग विथ फेट, 80 के दशक की एक कहानी है जो कि शिमला से शुरू होती है, जब कोई लैपटॉप, मोबाइल आदि नहीं होते थे, बस फिएट कारें, लैंडलाइन फोन और दूरदर्शन ही होता था। यह थ्रिलर एक युवा लड़के के बचपन से शुरू होने वाले सफर की कहानी है जो कि युवा होने पर समझता है कि आदमी जो बोता है, वही काटता है। आनंद, एक ऐसा लड़का है जो कि अपनी किस्मत के साथ आंख मिचौली खेलता है पर आखिर में उसे हार मिलती है और उसके द्वारा लगातार अपराध किए जाते हैं लेकिन वह किताब के थीम, कर्म ही सामने आते हैं, से भी रूबरू होता है। प्रीति सिंह की पहली पुस्तक का विमोचन लेखिका निरूपमा दत्त की उपस्थिति में हरियाणा के परिवहन आयुक्त एवं लोकप्रिय लेखक विवेक अत्रे द्वारा जुलाई 2012 में किया गया।
अपनी दूसरी पुस्तक क्रॉसरोड्स में लेखिका प्रीति सिंह ने नारी की मनोस्थिति को एक कहानी के माध्यम से संजोया है। कहानी में असफल प्रेमिका के भीतर के कश्मकश को दर्शाया गया है जिसमें उसके सामने कई दोराहे आते हैं और वह कब क्या फ़ैसला ले, किसके आसरे जिए, इन्हीं का ताना-बाना है। क्रॉसरोड्स, करीब करीब हर भारतीय महिला के सफर की एक अनकही कहानी है। ये कहानी है कविता के सफर की, जो कि घरेलू हिंसा, और परेशान किए जाने से मानसिक दबाव में है और एक पत्नी के तौर पर खोई हुई खुशियों और मानसिक शांति को प्राप्त करने के लिए एक अलग रास्ता चुनने का फैसला करती है। वर्ष 2015 में इनके उपन्यास क्रॉसरोड्स का हिंदी में अनुवाद लेखिका पारुल रस्तोगी द्वारा किया गया।
कृतियाँ
फ्लर्टिंग विथ फेट (2012)
क्रॉसरोड्स (2014)
सम्मान एवं पुरस्कार:राष्ट्रमंडल बुकर पुरस्कार 2012 के लिए नामांकित और 2012 के बेस्ट डेब्यू क्राइम फिक्शन उपन्यास से पुरस्कृत।
अनीश भनोट द्वारा जारी चंडीगढ़ की प्रमुख हस्तियों की कॉफी टेबल पुस्तक में प्रीती सिंह को भी स्थान प्राप्त हैं।
दूसरे उपन्यास क्रॉसरोड्स के लिए इंडिया बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में नाम दर्ज।