दरअसल, पुलिस की तरफ से रिमांड नहीं मांगे जाने के बाद कोर्ट ने विनोद वर्मा को 13 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। विनोद वर्मा से जिस सुराग को पुलिस जानना चाहती थी, वो सुराग मिल गया है, इसलिए आज पुलिस ने रिमांड नहीं मांगी। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही सीडी बनवाने वाले कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है और इस केस से जुड़े अन्य आरोपियों के नामों का खुलासा भी होगा।
विनोद वर्मा के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि उन्होंने कोर्ट को आवेदन दिया है कि विनोद वर्मा को जान का खतरा है। इसलिए उन्हें अन्य कैदियों से अलग रखा जाए और उन्हें स्लीप डिस्क की बीमारी होने की वजह से उनके बढ़े हुए दर्द की वजह से हिरासत के दौरान उनके इलाज की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बताया कि वर्मा ने अपनी मंशा प्रकट करते हुए उनसे यह भी कहा कि पत्रकारों के हित की लड़ाई वह जारी रखेंगे।